The 2-Minute Rule for वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
The 2-Minute Rule for वशीकरण मंत्र किसे चाहिए
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शादीशुदा जीवन में सामंजस्य बनाए रखने के लिए।
ॐ नमो आदेश गुरु का एक फूल फूल भर दोना चौंसठ योगिनी ने मिल किया टोना फूल फूल वह फल न जानी हनुमन्त वीर घेर घेर दे आनी जो सूंघे इस फूल की बास उसका जी प्राण हमारे पास सोती होय तो जगाय लाव बैठी होय तो उठाय लाव और देखे जरे बरै, मोहि देखि मोरे पायन परे मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा वाचा वाची से टरे तो कुम्भी नरक में परे।
वशीकरण मंत्र एक प्राचीन विज्ञान है जिसका उपयोग व्यक्ति के दिमाग और मन को प्रभावित करने के लिए किया जाता है। यह मंत्र भावनात्मक शक्ति को जागृत करता है और व्यक्ति को अपनी इच्छानुसार कार्य करने में मदद करता है। इस अद्भुत विज्ञान का उपयोग लोग अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में करते हैं, जैसे प्रेम, विवाह, संघर्ष, सफलता और खुशहाली के लिए।
ॐ मोहिनी मोहिनी कहाँ चली, हरखु राई कां मचली
कुछ सामान्य वशीकरण मंत्र इस प्रकार हो सकते हैं:
साधक तीन पान का बीड़ा लेकर तीनों को इक्कीस इक्कीस बार अभिमन्त्रित करे और एक-एक करके जिस भी स्त्री को read more खिलायेगा, पहला पान खाकर वह स्त्री मित्रता करेगी। दूसरा पान शारीरिक सम्बन्ध बनायेगी और तीसरा पान खा लेने के बाद साधक के अलावा कभी किसी के बारे में सपने में भी नहीं सोचेगी। यह अति प्रबल वशीकरण प्रयोग है।
ईन्ना आत्वैना शैताना मेरी शिकल बन फलानी के पास जाना, उसे मेरे पास लाना, न लावे तो तेरी बहन भानजी पर तीन सौ तलक।
वशीकरण एक प्राचीन विधि है जो, यदि सही तरीके और सकारात्मक इरादे के साथ की जाए, तो जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है। यह न केवल रिश्तों को सुधारने में मदद करता है, बल्कि आत्मविश्वास और आकर्षण बढ़ाने में भी सहायक है।
इन्हें धारण करने से व्यक्ति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
अगर आप मोहिनी वशीकरण का प्रयोग कर रहे है तो आपको ये बात अच्छे से ध्यान रखनी चाहिए की साधना के दौरान आपको गलत विचार मन में नहीं लाने है.
कभी भी अमावस, ग्रहण या किसी भी बुरे महूर्त के समय नहीं मिलना चाहिए.
विधि: इस मन्त्र को किसी शुभ मुहूर्त में दस हजार बार जप करके सिद्ध कर लें। फिर प्रयोग करते समय बृहस्पतिवार को प्रसन्न होकर थोड़ा-सा नमक लेकर उसे सात बार मन्त्र से अभिमन्त्रित करके जिस स्त्री को मोहित करना हो, उसके खाने-पीने की वस्तु में वह नमक मिला दें। वह स्वी साधक पर तन-मन-धन से मोहित हो जायेगी। देवदत्ती के स्थान पर साध्य स्त्री के नाम का उच्चारण करें।
बार बार इसका प्रयोग न करे और जिस व्यक्ति के लिए किया है उसके अलावा किसी और के लिए इसे काम में न ले.
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